किसी की साँसों में जो घुल कर बोले,, उसका नाम कविता हैं,,
आत्मा को जो परमात्मा से मिलाये,, उसका नाम कविता हैं,,
नवयुवती श्रृंगार हैं करती,, ना जाने किन किन बहानो पर यहाँ,,
वृधा को जो भावनात्मक परिपूर्ण कर दे,, उसका नाम कविता हैं,,
रुक्मणी,, जामवंती मिली हजारो एक से बढ़ कर एक यहाँ,,
पर जो राधा को श्याम से मिलाये,, उसका नाम कविता हैं,,
हर इंसान है प्यारा मेरा,, सबको मेरी फ़िक्र यहाँ,,
पर जो किसी भूले की फ़िक्र करा दे,, उसका नाम कविता हैं,,
गजले सुन-सुन कर सब,, हँसते – नाचते रहते हैं यहाँ,,
पर मेरी पीड़ा को जो खुद में बसा ले,, उसका नाम कविता हैं,,