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कवि

कल्पनाओं की कलम से जो चित्र बनाये वो कवि,
खामोश आवाजों को सुन कर जो अल्फ़ाज़ बनाये वो कवि,
समन्दर को बाहों में समेट कर जो दिखाए वो कवि,
कलम को शमशीर से भी तेज चलाये वो कवि,
हर मौसम के मन-भाव जो पढ़ जाए वो कवि,
जो किसी भेद भाव में न उलझ पाये वो कवि,
फांसलो को एक पल में जो मिटाये वो कवि,
धरती को चाँद पर जो ले जाए वो कवि,

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