कस्तूरी मृग देवेश साखरे 'देव' 5 years ago कस्तूरी अपनी नाभि में रख मृग, सुगंध के पीछे भागती सारे वन में। काम, मोह, माया के पीछे भाग, व्यर्थ समय ना गंवाओ जीवन में। धैर्य, शील, शांति पाना कठिन नहीं, खोज सकते हैं स्वयं अंतर्मन में। देवेश साखरे ‘देव’