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कहे कवि! परीक्षा की अब करो तैयारी

हंसी आ गई मुझको कि
अब आया तुमको होश,
जब यहां अवसान पड़ा था
तब ना आया यह जोश
अपना यह जोश संभालो
करो परिश्रम
यदि पड़ जाओ अकेले तो
देंगे साथ हम
देंगे आपका साथ अगर पड़ गये अकेले
यह मंजिल पाने की खातिर
कितने पापड़ बेले
अब तुमको भी पढ़कर
आगे बढ़ना है
असफलताओं से हार कर
ना पीछे हटना है
कहे कवि !
कि परीक्षा की अब करो तैयारी
है चुनाव आने वाला,
आईं हैं बैकेंसी भारी…..

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