कातिल Raju Parashar 3 years ago जिंदगी जिस राह पर चल रही है, उसकी कोई मंजिल नहीं है, कश्ती साहिल पे थी सही, मजधार में डूब रही है, कत्ल हुआ है सर-ए-आम, पर तू मेरा कातिल नहीं है।