*कान्हा की छवि सा* Geeta kumari 3 years ago कान्हा की छवि सा, मुख पर तेज उगते रवि सा मेरी गोद में आया था, वो मेरे मन को भाया था भोली सी सूरत है उसकी, कान्हा सी मूरत है उसकी मैं उसको पाकर हुई निहाल, उसकी सूरत-सीरत बेमिसाल *****✍️गीता