काश मेरे सपनों को हकीकत की शक्ल मिल जाये
बिन पंखों के आसमान छूने का हौसला मिल जाये
यूँ तो खोये रहते हैं दिन भर खवाबों में ही
शायद फिर कुछ हकीकत में जीना सीख जाएँ।।
काश मेरे सपनों को हकीकत की शक्ल मिल जाये
बिन पंखों के आसमान छूने का हौसला मिल जाये
यूँ तो खोये रहते हैं दिन भर खवाबों में ही
शायद फिर कुछ हकीकत में जीना सीख जाएँ।।