Site icon Saavan

किताबों के बनाकर छप्पर अक्षरों के बिस्तर

किताबों के बनाकर छप्पर अक्षरों के बिस्तर लगाये बैठे हैं,

ज्ञान की सारी पोथियाँ आज हम लेपटॉप में दबाये बैठे हैं,

कलम की स्याही के वजूद को मिटाने की खातिर जैसे,

हम की-बोर्ड पर अपनी उँगलियों को सजाये बैठे हैं,

छिपाकर खुद ही ढूढ़ते थे चन्द पन्नों में तस्वीर जिनकी,

आज डेस्कटॉप पर उन्हीं का वालपेपर लगाये बैठे हैं।।
राही (अंजाना)

Exit mobile version