किनारा Ushesh Tripathi 8 years ago रात के ख्वाबों में भी उसका सहारा चाहिये, दिन के हर लम्हात में उसका इशारा चाहिये, हुजूर वो भी इन्सान है शैतान नहीं ,उसकी पलकों को भी तो दरिया का किनारा चाहिये,