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किसी साज़ की आवाज़

किसी साज़ की आवाज़ ने मेरे दिल को छुआ ही नहीं कबसे,
तुम्हारी साँसों के समन्दर की आवाज़ में मैं डूब गया जबसे।।
– राही (अंजाना)

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