कुछ अकेले से एहसास rajesh arman 8 years ago कुछ अकेले से एहसास फिरते है दरम्या मेरे कुछ कशिश है उदास फासलों के घने अँधेरे दबे कदम चलती साँसें सहमे कदम आते सबेरे हलकी बारिश का मौसम आँखों में धुँआ के फेरे सोती रात जागती ज़िंदगी आये शायद नए सवेरे राजेश’अरमान’