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कुछ इस तरह

बादलों से चाँद
जैसे निकल आया हो
आके अपनी छटा से
सारी गम की परछाई को
मुझसे छिपा आया हो
हाँ, कुछ इस तरह
तेरा ख़याल आया हो।

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