Site icon Saavan

कुछ कह दो ना बात

कुछ कह दो ना बात
जिससे सुबह सी लग जाये रात,
उजाला बाहर भी
भीतर भी।
रात लगे नहीं रात।
कहो ना
कुछ तो कह दो बात।
गमों को दे दो ना अब मात
हरितमय हो जाये
मन-गात,
मिलेंगी खुशियां हाथों हाथ।
कहो ना
कुछ तो कह दो बात।

Exit mobile version