कुछ कह दो ना बात Satish Chandra Pandey 3 years ago कुछ कह दो ना बात जिससे सुबह सी लग जाये रात, उजाला बाहर भी भीतर भी। रात लगे नहीं रात। कहो ना कुछ तो कह दो बात। गमों को दे दो ना अब मात हरितमय हो जाये मन-गात, मिलेंगी खुशियां हाथों हाथ। कहो ना कुछ तो कह दो बात।