क्या नया है इस जीवन। प्रतिमा चौधरी 4 years ago क्या नया है इस जीवन में, वही रोज की शाम सुबह है। जब हम थक जाते हैं, फिर उम्मीद के झरोखों से, झाकते हैं। बदल जाता है वह सब कुछ, हर सुबह नई-सी लगती है, और हर रात-सी नई लगती।