कहिए हुज़ूर और क्या लीजिएगा।
दिल तो ले चुके अब जाँ लीजिएगा।
तुम्हें हमसे मोहब्बत है या फिर नहीं,
फैसला जो भी लो बजा लीजिएगा।
मेरी ज़ुबाँ पर बस एक तेरा ही नाम,
नाम मेरा भी तेरी ज़ुबाँ लीजिएगा।
डूब ना जाऊँ कहीं गम के पैमाने में,
जाम आँखों से छलका लीजिएगा।
खो ना जाऊँ ज़हाँ की भीड़ में कहीं,
अपनी आगोश में समा लीजिएगा।
‘देव’ जीना मरना रख छोड़ा हाथ तेरे,
गर साथ जीना हो तो बचा लीजिएगा।
देवेश साखरे ‘देव’
बजा- ठीक,