हुज़ूर देखा था मैंनें भी उसे सारी तस्वीरें सरेआम नीलाम करते हुये,
लगता हैं वो अन्जान हैं इस बात से की यादों के खरीददार नहीं होते,
हुज़ूर देखा था मैंनें भी उसे सारी तस्वीरें सरेआम नीलाम करते हुये,
लगता हैं वो अन्जान हैं इस बात से की यादों के खरीददार नहीं होते,