ख़ामोश कलम Geeta kumari 2 years ago ख़ामोश है कलम, कर रही इन्तज़ार है। कब कोई लेख लिखूँ मैं, वो देख रही बारम्बार है। पी कर अश्क अपने एक दिन, सचमुच कलम उठाऊॅंगी। प्रतीक्षारत कलम को, न और अधिक प्रतीक्षा करवाऊँगी॥ _____✍️गीता