Site icon Saavan

खामोश किसान

जवाब देने में हाज़िरजवाब बताये गए हम,
के अपने ही घर में खामोश कराये गए हम,

ज़िन्दगी बनाने को कितनी ही जगाये गए हम,
के अपनी ही चन्द सांसों से दूर कराये गये हम,

हर मौसम से क्यों सामने से भिड़ाये गये हम,
के सूखी धरती पे ही सूली पर चढ़ाये गए हम।।
राही (अंजाना)

Exit mobile version