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*खिल गए गुलाब*

ज़रा सी बारिश के छींटों से,
क्यारी में खिल गए गुलाब।
सुहाना सा हुआ मौसम,
बहने लगी शीतल पवन।
मयूर नृत्य कर उठे बाग में,
कोयल गाती मीठे राग।
इन्द्रधनुष भी दिखे गगन में,
मीठे गीत बजे हैं मन में।
“गीता”का हृदय हुआ है हर्षित,
प्रज्ज्वलित हो उठे चिराग॥
______✍गीता

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