खुद से जुदा भी नहीं rajesh arman 8 years ago खुद से जुदा भी नहीं मुखातिब भी नहीं खुद को बयां करूँ ऐसा कातिब भी नहीं गुमगश्ता फिरती है नाशाद रूह जिसकी फ़िदाई बन भी सकूँ ऐसा जाज़िब भी नहीं राजेश’अरमान’ फ़िदाई= प्रेमी कातिब= लेखक गुमगश्ता= भटकता हुआ, खोया हुआ जाज़िब= मनमोहक, आकर्षक