कौन कहता है के खेल को सीखना होगा,
खेल है तो खेल को खेलना ही होगा,
हार जीत की परवाह कहाँ है किसी को,
पर अपने हिस्से का टुकड़ा तो छीनना होगा।।
– राही (अंजाना)
कौन कहता है के खेल को सीखना होगा,
खेल है तो खेल को खेलना ही होगा,
हार जीत की परवाह कहाँ है किसी को,
पर अपने हिस्से का टुकड़ा तो छीनना होगा।।
– राही (अंजाना)