ख्वाब Dimpy Aggarwal2011 4 years ago ख्वाब मेरे बादल जैसे ख्वाहिशें मेरी अंबर सी लम्हा लम्हा यादें गरजे अखियां बही बारिश सी मुसलसल तेरी आस जगाए सावन का यह महीना तुम साथ नहीं हो क्यों मेरे मोहब्बत वही मेरी हवा सी।