गुजारिश राही अंजाना 5 years ago बीते लम्हों से खुलके गुजारिश करनी होगी, आज फिर डाकिये से सिफारिश करनी होगी, दबा रखीं थीं एहसासों की चिट्ठियां छिपाकर, खुलेआम लगता है सबकी रवाईश करनी होगी।। राही अंजाना रवाईश- आतिशबाजी