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घनश्याम

मोर मुकुट मुरली वाले,
महिमा तेरी बड़ी निराली।
बंशी के धुन पर प्यारे,
छा जाता चारों तरफ हरियाली।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

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