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चंद लकीरों में बसी बचपन की सारी यादें

वो स्कूल का यूनिफार्म,
वो काले, और सफ़ेद पीटी के जूते,
वो टाईमटेबल के हिसाब से किताबें रखना,
वो माँ के हाथों से बनी टिफ़िन,
वो पापा से डायरी का छुपाना,
वो दोस्तों की शरारतें,
वो टीचर का डांटना,
वो बेपरवाह भागना, दौड़ना,
वो सब भूल तो नहीं गए?
वो सब याद है कि नहीं?

– Udit Jindal

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