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चिर आनंद की प्राप्ति

प्रकृति की कंदरा पर्वतों घाटियों में विचरों, प्रकृति का संगीत सु नों। खुद मौन हो जाओ, झरने की कलकल पक्षियों का कलरव, जानवरों की अजीबोगरीब आवाजें, बादलों की गड़गड़ाहट, एक साथ उड़ते पक्षियों के पंखों की आवाजें, महसूस करो खुद को, प्रकृति का हिस्सा बना कर देखो, फिर आनंद की प्राप्ति करो।

निमिषा सिंघल

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