चुप न रहो कुछ बोलो Satish Chandra Pandey 3 years ago चुप न रहो कुछ बोलो अधर के खोलो पट कुछ बोलो, मौसम तो यह अब भी गरम है, थोड़ा सी बस हवा ही नरम है, मंहगाई का आज चरम है। बोलो ना कुछ बोलो, अधर के पट खोलो कुछ बोलो। क्यों तुम इसे मौन पड़े हो, बोलो ना कुछ बोलो।