छलिया NIMISHA SINGHAL 4 years ago जल कुकड़े हो क्या! गुम हो जाते हो भाप से। या सूखी धरती जिसे तलाश है बरखा की। या फिर भवरे हो,। जिसे फूल फूल मंडराना पसंद है पर जो भी हो हो तुम छलिया, जिसे पसंद है घोंसला अपना ही। निमिषा सिंघल