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जज्बात ए इश्क

जज्बात ए इश्क ना छुपाता दिल में अपने –

गर ना होता डर ज़माने का .

नहीं डरता ज़माने से भी में –

गर डर ना होता मर जाने का .

मर भी जाता मै –

गर मेरी मौत से

तेरी जिंदगी बन जाने का यकीं होता..

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