Site icon Saavan

जब मैंने पूछा

जब मैंने पूछा –
आज तुम्हारा बदन इतना मैला क्यों है
क्यों हो तुम इतने गुस्से में, क्या कोई संताप है?
उसने घूर कर देखा मुझे, और कहा आज कल तबीयत थोड़ा खराब है.
ये सब तुम्हीं लोगों का किया धरा है, और पूछते हो, मुझे कोई संताप है?
तुम करते धरती को गन्दा, जैसे सब कुछ तुम्हारे ही हाथ है।

कहते कहते वह रोने सा लगा और बोला –
हो जाओगे खाक सब, ग़र मैं नहीं होऊंगा
क्या तुम्हारे नाश से, मैं चैन से सोऊंगा?
मत करो दूषित मुझे, मैं ही तुम्हारा प्राण हूँ
इस धरा पर हर जीव में, शक्ति का संचार हूँ

Exit mobile version