जवाब…
बस देती ही रही हूं जवाब…
घर जाने से लेकर
घर आने का जवाब…
खाने से लेकर
खाना बनाने का जवाब…
बस देती ही रही हूं जवाब…
चित्र से लेकर
चरित्र का जवाब…
सीता से लेकर द्रौपदी तक
बस देती ही रही हूं जवाब…
समर्पण में दर्पण देखने का समय ना मिला मुझे
मगर देती रही मैं सबको जवाब…
कभी उद्दंड
कभी स्वार्थी
कभी चरित्र हीन बताया…
थोड़ा अपने लिये जी
क्या लिया
अपनों को भी रास ना आया…
बेटी से पत्नी
पत्नी से बहू
बहू से माँ बन गयी…
नहीं खत्म हूवे सवाल
बस देती ही रही मैं जवाब…
आरंभ से लेकर अंत तक
बस देती ही रही मैं जवाब…