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ज़िन्दगी की उलझनें

ये ज़िन्दगी की उलझनें,
काश ! कि ना होती
ये गमों के साए,
पीछे-पीछे ही चले आए
बहुत रोके हमने मगर,
आंखों में अश्क चले ही आए
आप मिले ज़िन्दगी में,
एक सुकून सा आया
सलामत रहें आप,
हमारी यही हैं दुआएं

*****✍️गीता

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