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जां तक निसार हुआ

तुम्हीं ने कहा था, हां मुझे भी तुमसे प्यार हुआ।
हुई क्या खता, तुम्हारी नजरों में गुनहगार हुआ।

हमने तो डाल दी, सारी खुशियां तुम्हारे दामन में,
क्या रह गई कमी, प्यार में जां तक निसार हुआ।

करते रहे हम, सारी उम्र बेपनाह मोहब्बत तुमसे,
मेरी मोहब्बत का फिर भी ना, तुझे ऐतबार हुआ।

कल तक जो थकते ना थे, लेते नाम हमारा,
आज क्यों तुम्हारे वास्ते, ‘देव’ खतावार हुआ।

देवेश साखरे ‘देव’

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