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जाने क्या बात है…!!

जुलाई की शुरुआत है
कहाँ खोई सावन की बरसात है ?
तन पर लिपटे कपड़े
सर्प के समान लगते हैं
झोपड़पट्टी वालों का तो
और भी बुरा हाल है।
रूखे रूखे पत्ते हैं
डालियाँ मुरझाई हुई
पुष्प हैं डरे हुए से
जाने क्या बात है ! !

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