जीत ली तुमने दुनिया तो क्या
हमारा हृदय न जीत सके
देश जीते होगे तुमने
पर प्रेम को न जीत सके।
एक वक्त था जब तुम मेरे लिये गीत गाते थे
स्वयं गाते थे उसे सुर में सजाते थे
पर मैं कहूँगी कि तुम एक भी सुन्दर गज़ल ना लिख सके।
जीत ली दुनिया तो क्या!!
मेरा हृदय न जीत सके।।