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जीवन सफल बना रे बंदे

चतुराई तेरे काम ना आए,
बुरे कर्म सब आड़े आए।
कर्मों के फल सब तू पाए,
फिर काहे चतुराई दिखाएं।
दान धर्म का मन अपना ले,
बुझे दिलों के दीप जला ले।
प्रभु ने दिया है तुम्हें बहुत कुछ,
कुछ तो लुटा ले दान दया कर।
साथ तेरे कुछ भी ना जाए,
फिर किस पर तू यू इतराए।
सदियों बीते काम को तेरे,
सदियों बाद भी नाम हो तेरे।
याद करें सब आंखे भर ले,
तब जीवन तेरा सफल रे बंदे।
निमिषा सिंघल

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