टूटन में भी टूट मत(छन्दबद्ध) Satish Chandra Pandey 3 years ago इतना करना आज तू, उम्मीदें मत छोड़, टूटन में भी टूट मत, ले आ नूतन मोड़, ले आ नूतन मोड़, स्वयं के जीवन मे तू, नहीं हताशा रखूं, ठान ले अब मन में तू, कहे लेखनी लगे, आग अब घी हो जितना, खूब हौसला रहे, ताप उग जाये इतना