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टूटे हुए अरमानों को बचा रखा है

टूटे हुए अरमानों को बचा रखा है,
सबकी नजरों से छुपा रखा है ,
जी तो हम भी रहे हैं लोगों के बीच,
मगर अपने जज्बातों को दबा रखा है ,
किस पर यकीन करें या ना करें ,
जो बीत चुका है, उसे छुपा रखा है,
मगर थोड़ा-सा प्यार बचाए रखा है ,
समझे नहीं वह सच्ची मोहब्बत को,
नासमझ!
हमने भी अपना गुमान बनाए रखा है।

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