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टेक्नोलॉजी कैसे आएगी

टेक्नोलॉजी कैसे आएगी
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टेकनोलॉजी कैसे आएगी इस देश में
जब तर्क को आस्था के डिब्बे में बंद कर दिया गया हो
जब विज्ञान को धर्म के तले दबा दिया गया हो

जब देश के सर्वोच्च पद पर बैठा व्यक्ति
घंटों गंगा की आरती करता हो

जब मिसाइल के प्रक्षेपण से लेकर
घर बनवाने तक में
हर छोटे बड़े कार्य में
मन्त्र पढ़े जाते हों
नारियल फोड़े जाते हों
चमत्कार की आशा में
शुभ लगन की प्रत्याशा में

वैज्ञानिक के घर के बाहर भी
काला धागा और लाल मिर्ची बाँधी जाती हो

जहां तुलसी जी
पिता शिव की शादी में भी
पुत्र गणेश की वंदना करवाते हों

जहां
जन्म से लेकर मृत्यु तक
मनुष्य
सिर्फ परलोक की ही बात करता हो
84 लाख योनियों से मोक्ष चाहता हो
जहां अतार्किक और हास्यास्पद बातें भी
धर्म और आस्था के कवच तले
विश्वसनीय हो जाती हों

वहां टेक्नोलॉजी कैसे आएगी
जहाँ एक दो साल के अनुभव वाला आई ए एस
30 वर्ष के अनुभव वाले डॉक्टर और इंजीनियर का बॉस हो

टेक्नोलॉजी कैसे आएगी
जहाँ टेक्निकल लोग दरोगा बनना चाहते हों
अपने हाथ में डंडा चाहते हो
क्यों कि बिना डंडे के आपका सम्मान सुरक्षित नहीं
जहां योजनाएं केवल इतिहास और भूगोल के विशेषज्ञ बनाते हैं
जहां बड़े पद कुछ जातियों के लिए आरक्षित हैं
जहां व्यक्तियों का दोगला पन कमज़ोरी नहीं
बल्कि स्मार्ट होने का पैमाना है
ज़हाँ हराम खोरों के पास ही खज़ाना है

टेक्नोलॉजी कैसे आयेगी इस देश में
जहाँ बुद्ध के तार्किक सिद्धांतों को खदेड़ दिया गया हो
और अन्धविश्वास,पाखंड और अमानवीयता को अपना लिया गया हो
जहां सिर्फ झूंठ के कितने ही किले गाड़ दिए गए हों
जब झूठ का साम्राज्य सत्यमेव जयते का नारा देता हो
जहां आपका काम नहीं
बल्कि आपकी जाति और धर्म ही आपको सहारा देता हो

वहां टेक्नोलॉजी कैसे आएगी
वहां तो सिर्फ चमत्कार होता है
भक्ति और आस्था ही सार होता है
और हमको महसूस होता है
कि हम तो विश्व गुरु हैं
आध्यातमिक शक्ति हैं

जब व्यक्ति इस जीवन के लिए नहीं
किसी और जीवन के लिए जीता है
तो फिर विकास कैसे होगा
टेकनोलॉजी और सारे ऐश्वर्य तो स्वर्ग में हैं
यहाँ तो सिर्फ भक्ति और भजन करो
भगवन को नमन करो
टेक्नोलोजी तो भौतिकता है
और हम तो आध्यातमिक लोग हैं
हम तो सात्विक लोग हैं
इसलिए टेक्नोलोजी कहाँ से आएगी ।

तेज

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