Site icon Saavan

तमन्ना है यही मेरी

मैं बनूँ फूल बगिया का
तमन्ना है यही है मेरी।
भला हो मुझसे जगिया का
तमन्ना है यही मेरी।।
बीच झाड़ी लताओं के
लाल पीले गुलाबी -सा।
हरे उपवन की हरियाली में
मस्त झूमूँ शराबी-सा।।
मिले काँटे या कोमलता
रहूँ हर हाल में हँसता।
रहूँ खुशबू में तर होकर
इतर बाँटू मैं नित सस्ता।।

Exit mobile version