मैं बनूँ फूल बगिया का
तमन्ना है यही है मेरी।
भला हो मुझसे जगिया का
तमन्ना है यही मेरी।।
बीच झाड़ी लताओं के
लाल पीले गुलाबी -सा।
हरे उपवन की हरियाली में
मस्त झूमूँ शराबी-सा।।
मिले काँटे या कोमलता
रहूँ हर हाल में हँसता।
रहूँ खुशबू में तर होकर
इतर बाँटू मैं नित सस्ता।।