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तुझको पा कर

तुझको पा कर वो यूँ नहीँ खोती
गर महब्बत हक़ीक़तन होती

रिज़्क़ अपना वो साथ लाती है
बोझ लड़की कभी नहीँ होती

सीपियों से न वास्ता अपना
दर्दे दिल के हैं खुशनुमाँ मोती

लोग खुशियाँ खरीद लेते हैं
अपनी औकात ही नहीँ होती

भेस बदला तो बन गया लीडर
एक टोपी कमीज़ और धोती
होगा शिद्दत का ग़म तभी वरना
आँख वालिद की यूँ नहीँ रोती

फिक्र में तुझको देख कर आरिफ
रात भर माँ तेरी नहीँ सोती

आरिफ जाफरी

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