तुमसे टकराकर मैं हर पल बिखर जाती हूँ राही अंजाना 6 years ago तुमसे टकराकर मैं हर पल बिखर जाती हूँ, मैं बूंद हर बार मगर जिद्दी पर उतर आती हूँ, सिलसिला रुकता नहीं मैं थमती नहीं कहती हूँ, के आसमाँ से धरती को मैं भिगाने चली आती हूँ।। राही (अंजाना)