मुदातों बाद तेरा दीदार हुआ
बात पलछिन की थी जो कब से कहना था
पर कब वोह बात अपना महत्व खो चुकी थी पता ना चला
शायद वक़्त सबसे अच्छी दवा होती है
मुदातों बाद तेरा दीदार हुआ
बात पलछिन की थी जो कब से कहना था
पर कब वोह बात अपना महत्व खो चुकी थी पता ना चला
शायद वक़्त सबसे अच्छी दवा होती है