अब मेरी दुआओं का असर, जम गया है I
अब मेरे लिए, वक्त थम गया है I
अब तुमसे मिलने का, कोई तय वक्त नहीँ I
तेरी बन्दगी करने का, कोई तय सलीका नहीँ I
मैं तुझमें कुछ, यूँ रूम गया हूँ
मैं तूँ , और तूँ , मैं हो गया हूँ I
जब-जब ख़ुद से मिलना हो जाता है,
तब-तब तुमसे मिलना हो जाता है I
वक्त कैसा भी हो, यूई का जीना हो जाता है I
…… यूई