हां कहती, नहीं ना कहती हो,
छोड़ रखा बीच मझधार में।
सारी जिंदगी बीता दूंगा मैं,
सनम बस तेरे इंतज़ार में।
नादान बन कहती, तुमसे प्यार कहां है।
होंठों पर ना है, और दिल में हां है।
कुछ तो सिला दो, मेरी मोहब्बत का,
कह दो मुझे भी तुमसे प्यार हां है।
दिलाते हैं इतना यकीन तुम्हें,
दे सकते जां तुम्हारे प्यार में।
सारी जिंदगी बीता दूंगा मैं,
सनम बस तेरे इंतज़ार में।
फीके लगते हैं सभी हंसीन नज़ारे।
सच है नहीं जी सकते बगैर तुम्हारे।
अब आ भी जाओ विरान जिंदगी में,
दामन में डाल दूं, खुशियां जहां के सारे।
ख़ुशी से मर जाएंगे हम,
बस तेरे इश्के-इकरार में।
सारी जिंदगी बीता दूंगा मैं,
सनम बस तेरे इंतज़ार में।
देवेश साखरे ‘देव’