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तेरे शिकवे कभी न

तेरे शिकवे कभी न हवा हो सके
मेरे दर्द की तुम कभी न दवा हो सके
कुछ तार बिखरे, कुछ टूट गए
ख्वाब अपने कभी न जवाँ हो सके
राजेश ‘अरमान’

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