तो क्या होता.. Prayag Dharmani 4 years ago ‘सोचता हूँ तो हर वजह ही बेवजह सी लगे, मेरी साँसों से मेरे दिल का वास्ता न होता तो क्या होता…? मुझ पर से गुज़र कर न जाने कितने चले गए, मैं औरो के मक़ाम का रास्ता न होता तो क्या होता..?’ – प्रयाग मायने : मक़ाम – ठहरने/रुकने की जगह