जब दर्द हद से ज्यादा
मिलने लगा
अपनों से भी
दर्द मिलने लगा
तो यह दिल तड़प के रोने लगा किसी से कुछ कह नहीं सकते थे किसी से लड़ भी नहीं सकते थे मजबूर थे
करते तो क्या करते
बस कलम उठाई और
दर्द लिखने लगे
लिखने की आदत
ऐसी लग गई
कि लोग हमें कवि कहने लगे।।