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दिया बनकर लड़ो अंधेरे

दिया बनकर लड़ो
अंधेरे से
खुद भी रोशन रहो
सभी को रोशनी दो,
किसी की जिन्दगी में
अगर हों स्याह रातें,
आप बनकर सहारा
उन्हें भी रोशनी दो।
प्रेम ही है उजाला
उसे बांटो सभी को,
और बदले में पाओ
मुस्कुराहट का उजाला।
अगर आंगन में घर
कोई पशु भी खड़ा
मिटाने भूख उसकी
दान कर लो निवाला।
जहाँ पर हो रही हो
निरीहों की मदद कुछ
वहीं अल्लाह बस्ते
वहीं सच्चा शिवाला।
बनाओ तन का दीपक
बनाओ मन की बाती
जलो बिंदास होकर
बांट लो अब उजाला।

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