दिल की बस्ती Rajendra Dwivedi 4 years ago खुश रहने की वजह ढूंढ़ोगे, तो कम ही मिलेंगें। यहाँ हर चेहरा हस रहा बाहर से, पर अन्दर तो गम ही मिलेंगें।। झाँक कर देखोगे दिल की बस्ती में, तो बस खाली शहर ही मिलेंगें। ‘ नवीन’ नही कोई जहाँ में अपना , यहाँ बस पराये ही मिलेंगें।।